सोमवार, 27 जुलाई 2009

सच का सामना :लाइव विथ मोचीराम


साथियों ,सच का सामना में आज हमारे सामने हैं मोचीराम ,हंसिये मत यही नाम है इनका |इनको विश्वास है कि ये सच का सामना कर सकेंगे |हम हमेशा की तरह पूछेंगे २१ सवाल ,सही जवाब देने पर इन्हेमिलेंगे १ करोड़ रुपए |हमारा पहला सवाल मोचीराम आपके लिए , तुमने कितने दिन से खाना नहीं खाया ?'साहब दो दिन हो गए ,घर में एक दाना नहीं है ,पूरी फसल सूखे की भेंट चढ़ गयी ,क्या करूँ ?कहाँ जाऊं ?सही जवाब तुम जीतते हो दस हजार |बीस हजार रुपयों के लिए दूसरा सवाल 'क्या तुमने कभी चोरी की है ?.....................................चुप्पी.....................,जी की है | देखते हैं पोलीग्राफ मशीन क्या कहती है ?..ये जवाब सच है ,क्यूँ की थी चोरी ? भूख लगी थी तो पंसारी की दूकान से आटा और उस आते से रोटी पकाने के लिए जंगल से लकडी चोरी की थी सरकार ,लेकिन पुलिस रिकार्ड में ७० चोरियां दर्ज हैं.|.................... |अब हम पूछते हैं तीसरा सवाल ,तैयार हो तुम ?'जी हाँ ,सरकार ,पूछें '|ठीक है ,ये बताओ क्या तुमने कभी अपने ३ साल के बच्चे को पीटा है ?सवाल बेहद मुश्किल है सरकार ,जी हाँ पीटा है ,'जिदिया गया था हाट में बिस्कुट के लिए ,लेकिन पीटने के बाद घर आकर हम भी रोये थे साहब '|बिलकुल सही जवाब ,बेहद शानदार खेल रहे हो तुम मोचीराम अब बताओ चौथे सवाल का जवाब "तुम्हारे सामने अगर गाँव का कलेक्टर खाना खा रहा हो तो क्या करोगे ?अरे साहब ये कैसा सवाल ?सच कहूँ तो थाली छीन लूँगा |पोलीग्राफ मशीन क्या कहती हो तुम ??सही जवाब अब एक लाख रूपए से तुम सिर्फ एक सवाल दूर हो तुम मोचीराम ,पांचवां सवाल .'तुमने अपनी बीबी को रोटी के लिए बेचा की नहीं ?ब्लागरों आप बजर दबा सकते हो |हाँ बताओ 'जी हाँ बेचा था ',देखते हैं पोलीग्राफ मशीन क्या कहती है ? |ये जवाब सच है .तुम जीत गए हो एक लाख रूपए मोचीराम |बताओगे क्यूँ बेचना पड़ा था ?जमीन रेहन रखे रहे सरकार पैसा नाही दे पाए ,तो साहूकार घर पर चढाई आकर दिया रहा ,क्या करते इज्जत बचाने के लिए इज्जत बेचनी पड़ी.|ब्लॉगर साथियों बहुत अच्छा खेल रहे हैं मोचीराम .देखते हैं वो सच का सामना कहाँ तक कर पाते हैं ,आगे मंजिल मुश्किल है राहें कठिन ,ब्रेक के बाद एक बार फिर हम उनसे मुखातिब होंगे |


...............कैडबरी सेलेब्रेशन यानी प्यार का सगुन.......... केलोक्स कोर्न्फ्लेक्स ६ अलग अलग स्वादों में ,अब सबके लिए अलग अलग स्वाद ..........वैरी वैरी सेक्सी .................................आज रात देखिये राखी का स्वयंबर ,तीन दुल्हों के बीच फंसी राखी आखिर किसके गले में वरमाला डालती है |..........|

एक बार फिर हाजिर हैं हम सच का सामना में |आपके सामने हॉट सिट पर बैठे हुए हैं मोचीराम ,जिन्होंने अब तक शानदार खेला है ,मोचीराम अब आगे सवाल और भी कठिन होते जायेंगे ,आप किसी भी वक़्त खेल छोड़कर जा सकते हैं ,अगला सवाल मोचीराम क्या आपने कभी आत्महत्या करने को सोचा है ? जी हां सोचा है ,बार बार सोचता हूँ |देखते हैं पोलीग्राफ मशीन का जवाब, ये जवाब सच है ,क्यूँ सोचते हैं ऐसा मोचीराम ?सरकार न घर ,न छत ,न रोटी छोटे बच्चे और उस पर कमर तोड़ता कर्ज ,क्या करूँ सरकार और कोई चारा नहीं |हमारे सामने बैठी हैं मोचीराम की पत्नी .क्या उन्होंने आपको कभी बताया कि वो आत्महत्या करना चाहते थे ?जी हाँ हम पूरे परिवार के साथ मरना चाहते थे |सातवाँ सवाल मोचीराम आपने कभी बन्दूक उठाने को सोचा है ?जी हाँ .लाल सलाम कहकर और बन्दूक उठाकर रोटी मिल जाये तो क्यूँ न कहूँ ?ये जवाब सच है |आपका जवाब सच है मोचीराम ,कुछ कहना चाहेंगे इसके बारे में ,साहब नक्सली नहीं बनेंगे तो पुलिस बना देगी ,बन ही जाएँ तो बेहतर है |मोचीराम आप चुनावों में वोट देते हैं की नहीं ?जी साहब ,वोट तो पड़ता है ,जो पैसा दे देता है २००-४०० ,उसी के नाम पर बटन दबा देते हैं ,अगला सवाल मोचीराम ,आपकी बहन का बलात्कार जब विधायक के बेटे ने किया था क्या आप वहां मौजूद थे ?.....................................जी हाँ ,था मैं ,पोलीग्राफ मशीन ,ये जवाब .................सच है |,क्या हुआ था 'सरकार घर से काम करने निकल थी मेरे साथ, रास्ते में पकड़ लिया नेता जी के बेटा ने ,हमें बहुत मारा था ,हम कुछ नहीं कर पाए बाद में बहन भी बयान से पलट गयी |क्या खूब खेल रहे हैं मोचीराम आप अब १० लाख रूपए से महज २ कदम दूर हैं |अगला सवाल क्या आपको यकीं है कि आपकी पत्नी से पैदा हुए बच्चे आपके अपने हैं ?जी हाँ यकीं है ,पोलीग्राफ मशीन जवाब दो ,|ये जवाब................ सच है ,वाह मोचीराम ,क्यों तुम्हे यकीं है सच में ?जी हाँ |झूट गाँव के लिए है ,पर मेरे लिए सच है |तुम ये खेल बीच में छोड़कर जा सकते थे, खैर |तुम देश का मतलब समझते हो मोचीराम ?जी हाँ समझता हूँ |मोचीराम ये है १० लाख रुपये के लिए अगला सवाल ,क्या तुम्हे यकीं है कि तुम आजाद देश के नागरिक हो ?जी हाँ ,है यकीं |देखते हैं पोलीग्राफ मशीन क्या कहती है |ये जवाब ..................................................अरे ये तो कुछ भी नहीं बोल रही !मोचीराम ,तुम्हे क्या हुआ ,कुछ तो बोलो ,ब्लॉगर साथियों आप ,आप भी चुप हैं !

20 टिप्‍पणियां:

  1. awesh ji mochi ram ke bhane jo tasvir aapne desh ki samne lai hai uske liye sabd nhin . lekin yah tasvir dilli valon ko dikhai nahin degi .sayad vah andhe aur baharen hai .
    vijay vinit
    9415677513
    sonebhdra.u.p

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  2. Samaj ka nanga sach, visheshkar un dhakosle bazaon ka sach jinke liye shyad ek insani jan ki keemat 200-400 rs se jayada nahi hain.
    Awesh ji is mansikta ka dohan karne main jahan hamare hi samaz ke kuchh log pichhe nahi hain, wahan channel or program maker kaise pichhe rah sakte hain,
    ham sirf channel ye programaer ko kaise doshi thahra sakte hain, becaz show ke formet ke hisab se, show main maximum 21 sawal aate hain, jabki vastivkta main 50 aise hi nange sawal aate hain candidate ke samne, bad main jinko with answer candidate or uske available relatives ke samne laya jata hai wah bhi us show ke pahle,
    fir show ke middle main question ashaz hone par swhow chhodne ki anumati hoti hai, or na sirf candidate balki ek sawal par to uske sathi relative bhi bazar dabakr question pas kar saktehain,
    sach kahain to hamain shrm aati hai samaz ke ek bade varg ki mansikta par kyunki aaj us show ki TRP top of top hai,
    ye sawal kisi ek insan se nahi hai sare samaj se hai aakhir kyun sharm nahi hai, aakhir agli pidi ko ham kya sandesha dena chahte hain, aakhir kyun ham aise logon ko lokpriya bana rahe hain jo sirf or srif dhikkar ke layak hain,

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  3. bhai - aapne jo mochiraam ke jariye yeh baat batane ki koshish ki hai bahut sahi hai...satya ka aaina dikhaaya hai aapne...

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  4. अच्छा लिखा है आपने...यूँ ही लिखते रहे...

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  5. awesh ji,

    bahut kamaal ka likha hai....dimaag ki saari nasen khul gayin...kaash koi mochiram Sach ka saamna ki hot seat par sach men hi baitha hota....katu saty aur teekha vyang...mochiram ke maadhyam se aaina dikhaya hai....bahut bahut badhai

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  6. aawsh ji...
    wakai aapne sundar likha hai. ek zordar kataksha kiya hai is dhantantra pe aur aise behudi relity shows k upar.

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  7. आवेश जी,
    समाज के जिस सच को आप दिखा रहें हैं, मुझे लगता है कि हर इंसान जानता है समझता है, लेकिन कुछ लोग हैं जो आँख मूंद कर रहते हैं क्यूंकि वो खुशहाल हैं, कुछ लोग डरते हैं कि क्यूँ अपनी ज़िन्दगी में ख़तरा मोल लें, कुछ जो उनके साथ देते उनकी स्थिति... शायद वैसे हीं है जैसे मोचीराम से किये गए इस सवाल पर पोलीग्राफ मशीन की चुप्पी...|
    आप अद्भुत तरीके से एक साथ कई सवाल उठाये हैं, चाहे वो समाज के संभ्रांत कहे जाने वाले लोगों से हो, या देश के शासक वर्ग से हो, या उस शोषित वर्ग से जो एक वक़्त की भूख़ के लिए इज्ज़त भी गवां कर मरने को विवश हैं, या उन गर्म खून से जो समाज से पलायन कर अपने शोषण का बदला बन्दूक उठा कर लेने को विवश हैं, या उन लोगों से जिनकी इंसानियत मर चुकी है| इसका जवाब कौन दे ??? सच में आपके ज़ज्बे को सलाम !!!

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  8. इतने बड़े सच का सामना करने की अब किसकी हिम्मत बची है भाई!!

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  9. वाकई में जैसे जेसे "सच का सामना " हमारे सामने अ रहा है .. इन्सान की लाचारी, बेबसी, और नगापन, हमारे सामने आरहा .. is पता चल रहा आज इन्सान कितने दोहरे जिंदगी जी रहा है .... और खुबसूरत देखने वाला चहरा कितना गंदा है... काश यह नागा पन छुपा रहें तो अच्छा है .......पर क्या लोगो पर फर्क पड़े गई... lets see

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  10. es sach ka samna hum karna nahi chahte....wahi sach sunte hai jo hum sunna chahte hai.....

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  11. मेरा मन ये है कि अंतिम एपिसोड उस एंकर के साथ खेला जाय और उससे पूछा जाय कि क्या तुने कभी अपनी बीवी को किसी और के सामने परोसा है ये एपिसोड में एंकरिंग करने के लिए और देखा जाय मशीन क्या बोलतीहै

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  12. आवेश जी, आपका यह व्यंग्य कई बार पढ़ा मगर समझ नही आया क्या लिखूँ,हर तस्वीर के दो पहलू होते हैं एक वह जो हम देखते हैं और दूसरा जो हमे दिखाई नही देता या हम देखना नही चाहते। सच का सामना में बहुत से सवाल ऎसे भी थे जो हर इन्सान जानता है और अधिकतर लोगो की जिंदगी में होते भी हैं,मगर किसी के सामने कहना बहुत ही शर्मिन्दा कर देता है, ऎसा सच जो घिनौना हो जिसे हम अपने बच्चों या माँ बाप के सामने बैठ कर न देख सकते हैं न सुन सकते हैं सचमुच शर्मनाक है जहाँ तक हो सके ऎसी घटनाओं,ऎसे शोज को बन्द कर देना ही बेहतर है। किन्तु इस प्रोग्राम को जिस तरह से हिट्स मिल रहे हैं लगता नही बंद हो पायेगा...वो सच है न की आदमी दोगला इन्सान है कहता है बुरा मत देखो बुरा मत कहो बुरा मत सुनो, मगर करता सब कुछ है, माँ बाप के मना करने पर भी जवां होते बच्चे अश्लील साहित्य चोरी-चूरी पढ़ते ही है न, कभी न कभी कोई न कोई भूल करते ही हैं, आदमी में जो जानवर छिपा है वह करवाता है यह कुकृत्य, जो दूसरे की पत्नी को माँ बहन या बेटी की निगाह से नही देख पाता, अपनी पत्नी चाहता है सदाचारी रहे मगर पराई को भी अपना बनाने से या उसपर बुरी नजर डालने से बाज नही आता। तो आप ही बताईये मेरे सवाल का जवाब कहाँ है वो लोग जो चाहते हैं कि इस तरह के एपिसोड बंद कर दिये जायें....जैसे एकता कपूर के सीरियल देखने बंद हो गये और उन्हे टी आर पी नही मिली यह भी बंद हो जायेगा...मगर आप देखेंगे तो...:)

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  13. *कृपया चूरी गलत लिखा गया उसे सही चोरी पढ़ा जाये...
    मोचीराम जैसे लोग अगर सच का सामना में लाये जायें तो भारत की तस्वीर जल्द ही बदल जायेगी। हो सकता है किसी गरीब की माँ बेटी की इज्जत फ़िर नीलाम होने की नौबत ही न आ पाये...
    आपको व्यंग्य की बधाई...आपने कोशिश की है इसका विरोध करने की एक नई क्रांति लाने की,हो सकता है सरकार जल्द ध्यान दे... विरोधियों की संख्यां जितनी अधिक होगी ऎसे सीरियलो को बढ़ावा नही मिल पायेगा...

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  14. namshkar awesh jee
    bahut sunder viyang likha hai......sahi min ager mouchiram jaison ka "sach ka samna " main ek bar baitha diya jaye to hosakta hai apney desh ki tasveer badal jaye...

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  15. बहुत अच्छा लिखा है।बधाई स्वीकारें।

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  16. Iss sach ka saamna toh hum har pal karte hain ! ye desh shuturmurg ki tarah aankhen band karke reh raha ho to kya kahenge aap ! Do tihai desh mochiraam ke saath hai !

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