शुक्रवार, 8 मई 2009

पाकिस्तान से आखिरी ट्रेन(last train from pakistan)

-आवेश तिवारी
मरघट में तब्दील हो चुकी स्वात घाटी में रहने वाले तमाम हिन्दू और सिख परिवार ,तालिबानियों के उत्पीडन और जजिया कर से आजीज आकर अपना घर -बार छोड़ कर जा चुके हैं |उन घरों में जहाँ कभी ठहाके गूंजा करते थे वहां अब या तो तालिबानी लडाकों के जेहादी स्वर गूंजा करते हैं या फिर मलबों और धुओं का गुबार उड़ता दिखाई पड़ता है ,स्वात के कबाल गाँव में नामचीन हज्जा अबुल फजीक की दुकान पर ताला लटका हुआ है वहां लिखे तालिबानी नारे से साफ़ जाहिर है कि अब ये दुकान दुबारा नहीं खुलेगी | वहीँ गांव के उस पुराने स्कूल में जहाँ फजीक और तमाम गांव वालों की बेटियाँ पढ़ा करती थी ,आधी से अधिक इमारत गिर गयी है |पिछले एक साल के दौरान चरमपंथियों ने 150 सरकारी स्कूलों को नष्ट किया है, जिनमें से ज़्यादातर लड़कियों के स्कूल थे. कुछ ऐसा ही नजारा सिंगोर ,बुनेर,दिर आदि इलाकों में भी देखने को मिल रहा है |पाकिस्तान का स्विट्जर्लैंड हे जाने वाली स्वात घाटी में बर्फ के ऊँचे पहाड़ हरी भरी वादियाँ और बौध स्तूप जाने क्यूँ खामोश हैं? ऐसा लगता है जैसे सब कुछ चुपचाप सहने को तैयार हैं ,एक निकम्मे और धूर्त राष्ट्रपति को ,एक नपुंसक कौम को और एक ऐसे पडोसी को जो आतंकवाद की बार बार चोट खाने के बावजूद या तो आहें भरता है या फिर हवा में गोलियां दागने लगता है |क्या करे स्वात ?क्या करे बुद्ध की ये धरती ?
जिस वक़्त ब्लॉग पर ये पोस्टिंग लिखी जा रही थी उस वक़्त स्वात घाटी के सिंगोरा शहर में तालिबानियों और सुरक्षाबलों के बीच घमासान छिड़ा हुआ था ,गौरतलब है कि तालिबान का स्वात घाटी के ९० फीसदी से अधिक हिस्से पर कब्जा है सिंगोरा और अन्य इलाकों से लाखों लोग पलायन कर चुके थे ,जिनमे लगभग १५०० सिख परिवार भी शामिल हैं ,तालेबान ने सिखों के कई घरों को आग के हवाले भी कर दिया ,ये नजारा कुछ कुछ भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय की याद दिला रहा था
,सिखों के पवित्रतम स्थलों में से एक, पंजासाहिब में शरण लेने वाले प्रेम सिंह कपड़ों का व्यापार करते हैं, उन्होंने को बताया, "हम बहुत डर गए थे, गोले हमारे घरों के पास फट रहे थे और हेलिकॉप्टर हमारे सिर पर मँडरा रहे थे, ऐसी हालत में हमें लगा कि वहाँ से निकलने में ही भलाई है.|कहने को तो सुरक्षाबल, पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत के बुनेर, दीर और स्वात जिलों में तालिबान के खिलाफ संघर्ष में बंदूकों, तोप युक्त हेलिकॉप्टरों और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं।लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तानी फौज का एक बड़ा हिस्सा तालिबान से सहानुभूति रखती है पाकिस्तान के चाहने पर ही स्वात में शरियत लागू की गयी, हकीकत ये भी है कि सिर्फ पाकिस्तान में सत्ता में बैठे लोग तालिबानियों को प्रश्रय दे रहे हैं क्यूंकि वो जानते हैं कि तालिबानियों की बिगडैल मानसिक स्थिति का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा सकता है | ये हना अतिश्योतिपूर्ण नहीं होगा कि आने वाले दिनों में राजधानी इस्लामाबाद पर भी तालिबान का कब्जा हो जाये या फिर जरदारी उनके सामने घुटने टक्कर उन्हें सरकार में हिस्सेदार बना दें |
पाकिस्तान में कट्टरपंथ का मजबूत होना हमेशा भारत के लिए सिरदर्दी की वजह बनता है अगर लश्कर और जैश - -मोह
म्मद ताक़तवर होते हैं तो सिर्फ पाकिस्तान बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी देशों का खेमा खुद को मजबूत पाता है |और ये सच है कि सिर्फ पाकिस्तान बल्कि ये तमा संगठन भी हिंदुस्तान के विरोध से पैदा हुई इंटरनेशनल खेमेबाजी कि रोटी खा रहे हैं |अगर हिन्दुस्तानी खुफिया एजेंसियों कि रिपोर्ट को माने तो स्वात के बाद तालिबान का अगला निशाना कश्मीर है ,पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तो उसने पहले से ही घुसपैठ कर रखी है ,अब वो भारत के कब्जे वाले कश्मीर को कब्जे में लेने के मनसूबे बना रहा है | खुफिया जानकारी के मुताबिक तालिबान के इन आतंकियों को लश्कर--तैयबा, जैश--मोहम्मद, हूजी, हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के अलावा पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन जमात--इस्लामी, जमात--उल्मा इस्लाम और जमात--अहल--हदीस का भी समर्थन हासिल है।सिर्फ इतना ही नहीं ये तालिबानी लडाके लश्कर के मुरीदके स्थित उस कैंप में ट्रेनिंग पा रहे है ,जहाँ मुंबई हमले के मास्टर माइंड अबुल कसाब और भारत के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले अन्य जेहादी दस्तों ने ट्रेनिंग पायी है |
भारत के लिए स्वात घटी में तालिबा
की उपस्थिति से दोहरी दिक्कतें पैदा हो गयी हैं ,एक तरफ जहाँ सीमा के एक बार फिर संवेदनशील होने का खतरा हैं दूसरी तरफ पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं और सिखों की दुश्वारियां है ,पाकिस्तान में अपना घर बार छोड़कर भागे सिखों को २० हजार रुँपये की मदद का ऐलान करके अपनी पीठ थोक ली ,मगर अफ़सोस हम तो वहां की परिस्थितियों को लेकर कोई अन्तराष्ट्रीय दबाव बना पाए , ही शरणार्थियों को कोई सहायता पहुंचा पाए और ही पुरजोर ढंग से इस पुरे मामले पर पाकिस्तान से अपनी आपति दर्ज करा पाए |हाँ पाकिस्तान में बैठे हमारे उच्चायुक्त ने वहां के अधिकारियों से इस पुरे मामले में औपचारिक मुलाक़ात जरुर कर ली ,ये कुछ ऐसा है कि खुले आसमान की और मुँह करके ओलों के पड़ने का इन्तेजार किया जाए ,वो भी तब जबकि ये बात साबित हो चूका है कि तालिबान के दुश्मन नंबर एक हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानी ही हैं |स्वात में जो हो रहा है उसको लेकर हमारे देश में भी आक्रोश खतरनाक शक्ल अख्तियार कर रहा है पोस्टिंग को लिखते वक़्त जम्मू में तालिबानियों के जुल्मो सितम के खिलाफ बंदी थी , गुरुवार को जम्मू के रियासी ज़िले में एक महिला समेत तीन लोगों को संदिग्ध चरमपंथियों ने मार दिया पुलिस का कहना है कि गुरुवार को करीब साढ़े दस बजे चार लोग अहमद मलिक के घर में घुस गए और अहमद, उनके बेटे और एक महिला को गोली मार दी.ये शर्मनाक है |आगे स्थिति और भी खराब हो सकती है ,अपने कश्मीर से बाहर कर दिए गए सिख और हिन्दू ये कत्तई बर्दास्त नहीं करेंगे कि उन्हें देश परदेश हर जगह से बेदखल किया जाए | सरकार को चाहिए था कि संयुक्त राष्ट्र में तात्कालिक तौर पर स्वात के प्रकरण को लेकर अपनी आपति दर्ज कराये ,साथ ही हमें अमेरिका को भी इस मामले में अपने प्रतिरोध से अवगत करना चाहिए था |अगर अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ संयुक्त अभियान छेडा जा सकता है तो स्वात में क्यूँ नहीं ?भारत ऐसे हमलों के लिए अपने सरोकारों का वास्ता देकर खुद लाबिंग क्यूँ नहीं करता ?मसला सिर्फ वहाँ रह रहे हिन्दू या सिख समुदाय के उत्पीडन का नहीं है ,बल्कि तालिबानियों की फितरत का है |किसी भेडिये की तरह वे गुपचुप तरीके से कहीं भी घात कर सकते हैं कंधार विमान अपहरण काण्ड में ही नही ,भारत के ख़िलाफ़ किए गए किसी आतंकी कार्यवाही में तालिबान का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन रहा है कभी भी कहीं एक और मुंबई हमले का खतरा बना हुआ है ऐसे में हमें किसी भी कट्टरपंथी ताक़त को कुचलने का पक्का इन्तजाम करना होगा , क्यूंकि अगर पड़ोस में आग लगी हो और ये आग अगर पडोसी ने खुद लगायी हो तो हमारे घरों में भी चिंगारी पहुंचना लाजिमी है |



13 टिप्‍पणियां:

  1. bhasan dena bahut aasan hai. hum saree jimedwari sarkar par chod dete hain.

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  2. Pakistan se aakhri train ..ye shabd nirasha jagate hai kab tak hum zimeedariyon se bhagte rahenge..kab tak...aur ye sawal bhi munh baaye khada hai ki ..kab tak vidhvansh ..jeetega srijan se

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  3. Bilkul sahi likha hai aapne..............kehne or karne me bahut antar hota hai..
    aapko bahut -bahut badahi is sundar article ke liye

    anu sharma

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  4. photo behad bhayanak hain... jo likha vo bhi bahut kuchh sahi hai... pakistan ke halat se bharat ko chinta hona jayaj hai...

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. dil dahal jata hai ye soch ki agar Talibaani safal ho gaye to hum fir se wahi paashaanyug me laut jayenge jahan aadi manav basa karte the...

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  7. awesh jee,
    aapka ye lekh aaj kee visham aur khatarnaak sthiti ka spasht chitran hai. ek baat mai ye kahna chaahungi ki taalibaani sirf hinduon aur sikhon par nahi balki saari maanavta par kahar barpa rahe. aaj jitne bhi aatanki sangathan hai, use koi bhi desh prashray na de aur sabhi desh ekjut hokar uske khatme ke liye prayatn karen, to nishchit hi duniya se inka naamo-nishaan mit jayega. aapka lekh behad samvedansheel vishay par hai jo satya se rubaru kara rahi. yun hin likhte rahen. shubhkamnayen.

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  8. यह तालीबानी युग पाषाण युग से बहुत अधिक भयंकर होगा। इस युग में स्त्रियाँ केवल बच्चे पैदा करने की ढकी छिपी मशीनें भर रह जाएँगी।
    घुघूती बासूती

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  9. सत्य का स्वरुप कितना भयानक है.....

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  10. पाकिस्तान की हालत को देखकर वो कहावत जेहन में तैरने लगती है की "जो दुसरो के लिए गड्ढा खोदता है, वो एक दिन खुद उस गड्ढे में गिर जाता है", रही बात भारत की, तो हमलोगों की सरकार का तो चिरपरिचित अंदाज है की "दुशमन पहले अपने ताक़त भर नुकसान पंहुचा ले, उसके बाद सोचेगे की नुकसान की भरपाई कैसे करनी है" | Opposition आतंकबाद के विरूद्व सख्त कदम उठाने के लिए जब-2 दबाब डालती है, उसे धार्मिक कट्टरवाद का मामला करार कर दिया जाता है और सभी छद्म धर्मनिरपेक्ष दल एकजुट होकर राष्ट्रहित के लिए उठनेवाली आवाज को दबा डालते है | पाकिस्तान की तो गति होनी है वो होगी ही, भारत का भी भगवान ही भला करेंगे | एक ईमानदारीपूर्ण लेख लिखने का आपका प्रयास प्रसंसनिये है | यू ही अच्छा और सार्थक लिखते रहें |

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  11. mitra awesh,
    post me likhi gayi baatein ek had tak sahi maani ja sakti hain, lekin hamesha nahin. Bharat mein hue musalmaanon ke atyachaar ko shayad aap bhool rahe hain. nazdeeki udaharan hai Aazamgarh, jahan Police ne raat-raat bhar islaamic parivaaron ko prataadit kiya, unke ghar ke bacchon ko ek khokhale se shaq par utha le gaye, jinme se adhikansh ghar vaapis nahi aaye.
    iske alaawa iske bahut saare udaharan pesh kitye ja sakte hain, jo Bharteeya musalmaanon par atyachaar ki kahani kahte hain.
    sach to ye hai ki in saari baaton ke peeche America ke dominating role ko nazarandaaj kiya ja raha hai jo ki saraasar galat hai.
    asha hai meri baat jis lahje mein kahi gayi hai use aap usi tareeke se lenge.bhavishya ke liye shubhkaamnayen.

    Ssiddhant Mohan Tiwary,
    Varanasi

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  12. AWESHGI
    HAME ES MAMLE ME SARkar se koe Aasha nahi karni chahiye.afjal abhi jinda hai.kandhar mamle me bhajapa ka chehara sari dunia dekh chuki hai.srilanka ke mamle me barak obama ka chehara saf ho chuka hai.pak,afagan,kasmir bachane ke liye janta ko sanyam hathiyar uthana chahiye.
    Riport thik rahi.
    vijayvinit68@gmail.com

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  13. Satay ka swroop jo ki hum dekh kar andekha kar rahe hain ...... kuch sarkaar par daal kar kuch apni vayastta bata kar jimmedari se bhaag kar ..

    bahut dino ke baad aapka likha hua kuch padhne ka awsar mila ...........

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