tag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post6671251152389604162..comments2023-07-29T03:46:32.655-07:00Comments on कतरनें: बलात्कार का दलित मतलबAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/16315054585574087560noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-57664349584825191912010-10-27T08:07:05.282-07:002010-10-27T08:07:05.282-07:00ओफ्हो हर तरफ गरीबी,लाचारी,बेमानी,अत्याचार लालच लू...ओफ्हो हर तरफ गरीबी,लाचारी,बेमानी,अत्याचार लालच लूट -खसोट धोखा बेमानी चोरी डकैती मार-पीट भगवान तु कहाँ हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-78518845933592041182009-07-23T12:13:59.752-07:002009-07-23T12:13:59.752-07:00aawesh jee..
is ghatna ko padh kar stabdh reh gaya...aawesh jee..<br />is ghatna ko padh kar stabdh reh gaya mai.<br />aapke sahas aur nimn wargon k pratee sneh ko dekh kar mai natmastak hun.<br />dukh hota hai aawesh babu jab hum patrakar v apni lekhnee ko doosron k isharon pe chalate hain.<br />parantu is ghor andhkar me aapko dekh aisa lagta hai ki koi to hai jo sach ko likhne aur bolne kee kshamta rekhta hai. aap jaison ko dekh kar hi humara v manobal badhta hai.<br />aapka subhekshu..<br />shashi sagarAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-30215832958226129872009-07-23T10:12:42.260-07:002009-07-23T10:12:42.260-07:00जब तक प्रजा के हाथ में असली तंत्र नहीं है, प्रजातं...जब तक प्रजा के हाथ में असली तंत्र नहीं है, प्रजातंत्र एक ढोंग ही तो है, जहां अधिकारी और नेता का काकस ऐसे सितम ढाते रहेंगे और मुंह खोलने वाले ज़ुल्म सहते रहेंगे॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-75627209489099299412009-07-23T09:05:09.728-07:002009-07-23T09:05:09.728-07:00Aapko Tippani Bhejne Me Hi 7-8 Baar Internet Band ...Aapko Tippani Bhejne Me Hi 7-8 Baar Internet Band Ho Gya. Yun Laga Ki Ye Bhi Un Darindon Ke Saath Mil Baitha Hai. Sir Jee, Bahut Dukhad Hai, Lekin Kya Karen Yahi Sach Hai.Dileepraaj Nagpalhttps://www.blogger.com/profile/15936510510123199146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-49253553050735547572009-07-23T07:40:14.398-07:002009-07-23T07:40:14.398-07:00ये ठीक है की हम सबको इस घटना पर दुःख है .पर क्या ज...ये ठीक है की हम सबको इस घटना पर दुःख है .पर क्या जिम्मेदारियां यही ख़त्म हो जाती हैं या सिर्फ कमेन्ट कर देना ही काफी है .मेरा मानना है की अगर आवेश जी द्वारा दिए गए ये तथ्य सही हैं और इससे उनको और हम सबको वास्तव में दुःख पहुंचा है तो इसके पन्ने फिर से खोलने पड़ेंगे और इसे पढने वालो को इस घटना को जितना हो सके प्रचारित करना होगा .साथ ही आवेश जी को परिणाम के लिए तैयार रहना होगा .और नहीं तो .......ये एक उम्दा आलेख है और मै भी प्रेस पुलिस और पॉलिटिक्स के इस गंदे स्वरुप पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूँ , आलेख के लिए शुभकामना !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00939600943573839906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-46515891771897142012009-07-23T06:30:19.778-07:002009-07-23T06:30:19.778-07:00अगर इसे ही प्रजासत्ताक देश कहते है तो नहीं च...अगर इसे ही प्रजासत्ताक देश कहते है तो नहीं चाहिए ऐसा राज , नहीं चाहिए ऐसे राजनीतिज्ञ ... नीचे से उपर तक कोई ना कोई भ्रस्थ ... जो इमानदारी से काम करता है उसे ही गलत साबित किया जाता है .. सत्य की कोई value नहीं रही अब .. हर जगह भ्रष्टाचार ...!ρяєєтiihttps://www.blogger.com/profile/04220875453268097896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-51830941288836622622009-07-23T04:11:26.257-07:002009-07-23T04:11:26.257-07:00कितने दुःख की बात है की दुनिया के सबसे बड़े गणराज्...कितने दुःख की बात है की दुनिया के सबसे बड़े गणराज्य का कड़वा सच ये है. और उस लोकतंत्र की मिडिया कितनी मजबूर.आवेश जी आपने ये लेख यहाँ लिखकर बहुत हिम्मत दिखाई है परन्तु में दुआ करुँगी की इसका नतीजा आपके लिए हानिकारक न हो.May God bless you.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-82991407946784185992009-07-23T03:33:31.062-07:002009-07-23T03:33:31.062-07:00आवेश जी,बहुत ही दुख की बात है एक सच्चे इन्सान को न...आवेश जी,बहुत ही दुख की बात है एक सच्चे इन्सान को न्याय नही मिल पाता, भ्रष्टाचार आज इतना फ़ैल चुका है कि अगर कोई इससे लड़ने की कोशिश भी करता है तो उसके विचारों को आला अफ़सरों के द्वारा कुचल दिया जाता है। ये जो घटना आपने बताई है, जाने कितनी घटनाऎं ऎसी दबी पड़ी हैं जिन्हे नेताओं ने या भ्रष्ट अफ़सरों ने डरा-धमका कर या पैसों का लालच देकर दफ़न कर दिया है, फ़िर भी आपकी निडरता की आपके बेबाक लेखन की मै प्रशंसा करती हूँ कि आपने मजबूर और लाचार लोगों के लिये आवाज तो ऊठाई।<br />इश्वर आपको हमेशा हर क्षेत्र में प्रगति की राह पर चलायें व ऎसे लोगों के खिलाफ़ खड़े होने की शक्ति दे।सुनीता शानूhttp://shanoospoem.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-39659046058572812662009-07-23T02:16:10.711-07:002009-07-23T02:16:10.711-07:00मीडिया एक समय पे कितना बौना हो जाता है..खेर हमे जन...मीडिया एक समय पे कितना बौना हो जाता है..खेर हमे जनतंत्र के लिए काम करना है.. यही जिद लेकर चलो -- काली करतूत वालों को दोखज जरुर नसीब होगी....somadrihttps://www.blogger.com/profile/16213618928809931364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-63121798186241625372009-07-23T01:10:04.448-07:002009-07-23T01:10:04.448-07:00आवेश जी,
आपके इस लेख को पढ़ कर स्तब्ध भी हूँ और पैस...आवेश जी,<br />आपके इस लेख को पढ़ कर स्तब्ध भी हूँ और पैसा, प्रेस, पुलिस, प्रशासन, एवं पॉलीटीशियंस के वास्तविक घृणित रूप को जानकार आहत भी हूँ| यूँ तो देश के सभी जगहों पर आम जनता के साथ ऐसा खेल हो रहा, और जनता मूक दर्शक बन ऐसे दर्द को झेलने को विवश है, चाहे वो विवशता उनके जीवित रहने की कीमत हो या समाज का खौफ़| <br />दलित की सरकार माने जाने वाले प्रदेश का ये सच, इस बात को सोचने केलिए मज़बूर करता है कि सच में ये दलित की सरकार है, जो दलित के लिए नहीं बल्कि दलित बनाये जाने केलिए कार्य कर रही है| दलित की परिभाषा वैसे भी मुझे सदा अनुचित लगती है, शोषित और पीड़ित लोग दलित होते हैं न कि कुछ खास जातियों को कहा जाना चाहिए| दलित के नाम पर जो गुमराह कर राजनीति की जाती है, बहुत दुखद स्थिति है|<br />राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा किये गए ऐसे गैर-जिम्मेराना कार्य को जानकार मन और भी क्षुब्ध हुआ, कि आखिर इन पीड़ित महिलाओं के लिए फिर कौन आवाज़ उठाएगा? जबकि उठते हुए कुछ आवाजों को दबाने की ऐसी शर्मनाक हरकत कि गई चाहे अखबार द्वारा हो या सामाजिक संगठन द्वारा| <br />आपके लेख को पढ़कर मीडिया का एक आतंरिक सच भी उजागर हुआ, अगर मीडिया चाहे तो अपने ताकत से बड़ी से बड़ी घटना को ज़मींदोज़ भी कर दे और चाहे तो सत्ता भी पलट दे|<br />आपके लेख से एक आशा ज़रूर जगती है कि पीडितों के लिए कहीं तो कोई मानवीय संवेदनाएं अब भी जीवित है, जो इनके दर्द को समझ इनके साथ खड़ी हो सकती है|<br />आपको बहुत बहुत शुभकामनायें|डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-36061141262630169922009-07-23T01:00:52.358-07:002009-07-23T01:00:52.358-07:00यही भारतीय जनतंत्र की असली शक्ल है।यही भारतीय जनतंत्र की असली शक्ल है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-58577824269598547932009-07-23T00:02:26.119-07:002009-07-23T00:02:26.119-07:00मुझे वो दिन याद है आवेश तिवारी जागरण प्रतिनिधि थे ...मुझे वो दिन याद है आवेश तिवारी जागरण प्रतिनिधि थे और मैं जिला कार्यालय में कार्यरत था ,इस खबर पर लगा था जैसे हिंद महासागर में तूफ़ान उठा हुआ हो |रात दिन नाला पहाड़ जंगल फांदते हुए किस कदर ओबरा थानाध्यक्ष दिवाकर सिंह बैरपुर पहुंचे थे और वर्दी की धौंश देकर किस तरह से सारा पासा पलट दिया था इसे समूचा सोनानाचल जानता है ज्ञात हो की यही दिवाकर सिंह सोनभद्र में ही मालखाने से रिवाल्वर गायब होने के समय उस थाने के प्रभारी थे अगर उन लड़कियों के साथ दुराचार न हुआ तो वो भी जाती से बाहर क्यूँ है ?lal salamhttps://www.blogger.com/profile/08683617218755388118noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-13820348684697467632009-07-22T21:40:21.543-07:002009-07-22T21:40:21.543-07:00shriman ye hai bharat ki rajneeti ke garh uttar pr...shriman ye hai bharat ki rajneeti ke garh uttar pradesh ki kahani.....<br /><br />waise aapne ye blog per likh to diya hai lekin shayad aapko andaja naji aapne kitni badi baat likhi hai ......<br /><br />asha karta hu aapki dincharya achchhi beete :)Puneethttps://www.blogger.com/profile/16033070878507734895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1884906262286844397.post-26365993170513546172009-07-22T21:13:43.433-07:002009-07-22T21:13:43.433-07:00kya kya sahan karna padega ?
ye lok tantra kab ta...kya kya sahan karna padega ?<br />ye lok tantra kab tak chalega ?<br />aapka aalekh <br />umda hai <br /><br />badhaai !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com